भाव के साथ सृजन और सम्मान के साथ विसर्जन ही गौशाला परिवार की प्राथमिकता

गौ गोबर से तैयार हो रहे दीपक लक्ष्मी गणेश और हवन समिधा

11 हजार दीपक पहुँचे अयोध्या

लखनऊ। गौसेवा और सामाजिक सरोकारों को संजोने के साथ ही पर्यावरण के प्रति अगाध श्रद्धा पीएम के स्वदेशी प्रेम से प्रेरित होकर गौशाला परिवार इस वर्ष कामधेनु दीवाली मना रहा है जिसके अंतर्गत डेढ़ लाख गौ गोबर के दीपक सहित अन्य सामग्री तैयार कर स्वदेशी को बढ़ावा दे रही है।कामधेनु दीपावली के अंतर्गत श्री गोपेश्वर गौशाला में गाय के गोबर और पंचगव्य से दीपक सहित गणेश लक्ष्मी और हवन समिधा ग्रामीण अंचल की लगभग 5 दर्जन महिलाओं द्वारा तैयार किए जा रहे है।तय लक्ष्य के अनुरूप लगभग दीपक तैयार किए जा चुके है जिसकी बाजार में काफी मांग है जबकि गौशाला परिवार द्वारा तैयार 11 हजार दीपक अयोध्या धाम पहुँच चुके है।साथ ही झांसी बुलंदशहर कानपुर वाराणसी प्रयागराज बाराबंकी सीतापुर हरदोई उन्नाव सहित अन्य जिलों में इन दीपकों की काफी मांग है।अधिक मांग को देखते हुए इन जिलों में दीपकों की उपलब्धता गौशाला परिवार द्वारा सुनिश्चित की जा रही है।गौशाला प्रबंधक उमाकांत गुप्ता ने बताया गाय के गोबर में देसी घी दही दूध गोमूत्र कपूर जटामांसी सहित अन्य औषधियां मिलाकर तैयार किया जा रहा है।गाय के गोबर से तैयार हुई लकड़ियों द्वारा हवन करने से वातावरण में ऑक्सीजन मात्रा की पूर्ति होती है और जो विषाणु हैं वह नष्ट होते हैं। इसके साथ ही पर्यावरण की दृष्टि को ध्यान में रखकर हम पूजन के बाद गणेश लक्ष्मी और दीपक को नदी में प्रवाहित कर या फिर घर के गमलों में रखकर उन पर धीरे धीरे पानी डालते हुए उनका सम्मान पूर्वक विसर्जन कर सकते है।गोबर से निर्मित होने के कारण यह खाद का कार्य भी करते हैं और विसर्जन द्वारा सृजन का कार्य भी गौशाला परिवार कर ग्रामीण रोजगार भी विकसित हो रहा है साथ ही स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा भी दिया जा रहा है।

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