मासिक समीक्षा बैठक में राजस्व कर्मियों को चेतावनी
लखनऊ। जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार ने मासिक समीक्षा बैठक में राजस्व कर्मचारियों को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि आईजीआएस सम्बंधित शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही कतई बर्दाश्त नही की जाएगी। इस लिए सभी कर्मचारी इस बात का ध्यान रखे कि शिकायत का निस्तारण गुणवत्तापूर्ण करे। बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में ज़िलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार की अध्यक्षता में राजस्व कार्यो की मासिक समीक्षा बैठक आहूत की गई। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा राजस्व न्यायलयो में लंबित वादों की गहन समीक्षा की। समीक्षा के दौरान उन्होंने पाया गया कि सभी तहसीलों में 5 वर्ष से अधिक के वाद लगभग निस्तारित हो चुके है। उन्होंने बताया कि जितने भी वाद बियांड टाइम है उनके सम्बन्धित अधिकारियों को मेमो जारी किए जाए। इस माह के अंत तक यदि किसी भी न्यायलय में कोई भी वाद बियांड टाइम पाया जाएगा तो सम्बन्धित के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की जाएगी। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि जो नायब तहसीलदारों के नए कोर्ट सृजित किए गए है, वहां की व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया जाए। मैनपावर, कंप्यूटर और इंफ्रास्ट्रक्चर की व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया जाए।
इस दौरान उन्होंने पाया कि किसी तहसील में धारा 80 से सम्बंधित कोई भी वाद लंबित नही है। जिसके लिए उन्होंने उपजिलाधिकारियों की प्रशंशा भी की। उक्त के बाद जिलाधिकारी द्वारा धारा 24 के लंबित वादों की भी समीक्षा की गई। समीक्षा में पाया गया की अभी भी तहसीलों में 1 वर्ष के ऊपर के वाद लंबित नहीं है, परंतु 6 माह से ऊपर के कुछ वाद लंबित है। जिसके लिए निर्देश दिए गए की आज ही लेखपाल और कानूनगो बैठक बुलाते हुए लिखित पैमाईश का शेड्यूल जारी करके जिलाधिकारी को अवगत कराया जाए और शेड्यूल का अनुपालन न करने वाले लेखपाल और कानूनगो के विरुद्ध कार्यवाही करना सुनिश्चित किया जाए।
बैठक में धारा 34 के संबंध में निर्देश दिए गए की कृषि भूमियों की को रजिस्ट्री हो रही है। उसमे म्यूटेशन के दौरान जो प्रावधान आवश्यक है उसको रजिस्ट्री करते समय रजिस्ट्री में अंकित किया जाए, ताकि म्यूटेशन के समय सुविधा रहे। उक्त के बाद जिलाधिकारी द्वारा धारा 116 के वादों की भी समीक्षा की गई। उन्होंने बताया की धारा 116 के कितने प्रकरण लंबित है उन सभी का अंश निर्धारण करना अगले 3 दिनों में सुनिश्चित किया जाए।
तथा आय, जाति, निवास और हैसियत प्रमाण पत्र वरीयता से बनाए जाए। यदि मैनपावर की आवश्यकता है तो मैनपावर की मांग करते हुए उक्त प्रमाण पत्रों को वरीयता से जारी किया जाए। इसके अलावा आईजीआएस व मुख्यमंत्री संदर्भ के तहत ऑनलाइन प्राप्त होने वाले प्रकरणों को गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया जाय। इन प्रकरणों के सम्बंध में किसी भी प्रकार की शिथिलता को बर्दाश्त नही किया जाएगा।
आईजीआएस के प्रकरणों में यदि कोई भी अनियमितता पाई जाती है तो कार्यवाही निश्चित है। उक्त के साथ ही समाधान दिवस के प्रकरणों का ससमय गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। कोई भी प्रकरण समय सीमा के बाहर नहीं जाना चाहिए। उक्त के साथ ही प्रकरणों के निस्तारण के बाद शिकायतकर्ताओं को कॉल करके उनका फीडबैक भी लिया जाए। बैठक के दौरान जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए की तहसील के सभी पटलो पर प्राप्त होने वाली शिकायतो के निस्तारण का सत्यापन कराना सुनिश्चित किया जाए। अवशयकतानुसार शिकायतकर्ताओं से कॉल करके उनका फीड बैक भी लिया जाए।
एंटी भू माफिया अभियान के तहत अवैध अतिक्रमण के सम्बन्ध में सभी उप जिलाधिकारी 7 दिन के भीतर एक्शन टेकेन रिपोर्ट उपलब्ध कराएंगे कि सरकारी भूमियों पर अवैध कब्जे को लेकर जो शिकायतें प्राप्त हुई है उसके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई है। साथ ही निर्देश दिए कि सभी उप जिलाधिकारी और तहसीलदार लेखपालवार संपत्ति रजिस्टर का कानूनगो द्वारा निरीक्षण किया जाएगा। अगले 15 दिनों में कानूनगो द्वारा अपने लेखपाल के साथ ग्राम के सभी चक रोड का निरीक्षण/पैमाईश करते हुए फोटो सहित रिपोर्ट प्रस्तुत करना होगा। यदि किसी चक मार्ग पर अतिक्रमण मिलता है तो तत्काल अतिक्रमणकर्ता को नोटिस जारी करते हुए चक मार्ग को अतिक्रमण मुक्त करने की कार्यवाही करनी होगी। आयोजित बैठक में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व, अपर जिलाधिकारी प्रशासन, समस्त उप ज़िलाधिकारी, समस्त अपर नगर मजिस्ट्रेट, समस्त तहसीलदार व अन्य विभागीय अधिकारी भी उपस्थित रहे।
