बेंगलुरु में आयोजित हुयी 27 वीं ऊर्जा प्रौद्योगिकी बैठक
नई दिल्ली। भारत सरकार के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने बेंगलुरु में आयोजित “हरित ऊर्जा क्षितिज: सतत रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल्स को आगे बढ़ाना” विषयक ऊर्जा प्रौद्योगिकी बैठक (ईटीएम) में प्रतिभाग किया। उन्होंने उद्योग जगत के दिग्गजों, पेशेवरों और ऊर्जा क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ बातचीत करके खुशी जाहिर की। उन्होंने अपने एक्स एकाउंट से जानकारी साझा करते हुये लिखा कि भारतीय ऊर्जा क्षेत्र परिवर्तन के मुहाने पर है। देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तेजी से वैश्विक तेल और ऊर्जा बाजार के केंद्र की ओर बढ़ रहा है। आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है। उन्होंने लिखा कि 2047 तक हमारी ऊर्जा ज़रूरतें 2.5 गुना बढ़ने की उम्मीद है। परन्तु अगले दो दशकों में ऊर्जा मांग में कुल वैश्विक वृद्धि में भारत की हिस्सेदारी 25% होने की उम्मीद है। जो बेहद खुशी की बात है। भारत जैसे देशों के लिए,अपने लगातार बढ़ते तेल और गैस आयात बिल, हरित हाइड्रोजन, जैव ईंधन के साथ, सीबीजी आयातित जीवाश्म ईंधन पर समग्र निर्भरता को कम करके और हमारे हरित ऊर्जा संक्रमण को गति प्रदान करके महत्वपूर्ण ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करने में मदद कर सकता है। भारत के ऊर्जा क्षेत्र ने भी तकनीकी प्रगति के मामले में तेजी से प्रगति की है। हमारे ओएमसी को 404 पेटेंट दिए गए हैं और जनवरी 2023 तक 382 अतिरिक्त पेटेंट दाखिल किए हैं। भारत के पास भविष्य के लिए संभावित ऊर्जा समाधानों की एक विस्तृत श्रृंखला है जैसे सौर, पवन, जैव-ऊर्जा, इथेनॉल, हरित हाइड्रोजन आदि। हमारे पास उपलब्ध इन विविध संसाधनों के साथ, भारत एक ऐसा ऊर्जा मिश्रण प्राप्त करने के लिए अच्छी स्थिति में है जो टिकाऊ और सुरक्षित दोनों ही है। एआई जॉब फ़ंक्शंस में दूसरे सबसे अधिक स्थापित प्रतिभा आधार और अन्य देशों की तुलना में तीन गुना अधिक एआई-कुशल प्रतिभा के साथ, भारत एआई क्रांति में सबसे आगे है। इसके अलावा डीपटेक इकोसिस्टम की बात करें तो भारत छठे स्थान पर है। भारत डीपटेक क्षेत्र में 3,600 से अधिक स्टार्टअप का घर है। भारतीय डीपटेक स्टार्टअप ने पिछले 5 वर्षों में लगभग 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर जुटाए हैं।
