अब 12 लाख की इनकम तक कोई टैक्स नही, वित्तमंत्री

बजट में इनकम टैक्स स्लैब को लेकर वित्तमंत्री सीतारमण ने की बड़ी घोषणा

नई दिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण संसद भवन में 2025-26 का बजट पेश कर रही है। उन्होंने इनकम टैक्स को लेकर एक बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि अब 12 लाख रुपये तक इनकम पर कोई टैक्स नही लगेगा। भारत में इनकम टैक्स की दरें समय के साथ बदलती रही हैं, जो आर्थिक विकास और जनसंख्या की आवश्यकताओं के अनुसार होती हैं। इन दरों में वृद्धि या कमी का सीधा प्रभाव आम जनता पर पड़ता है। जिससे यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि टैक्स प्रणाली सभी वर्गों के लिए न्यायसंगत हो। वित्तमंत्री द्वारा की गई आज की इस घोषणा से आमजन को बड़ी राहत मिली है।

टैक्स स्लैब में कब-कब हुआ बदलाव

पहली बार 1997-98 में टैक्स स्लैब में एक बड़ी बढ़ोतरी की गयी थी।
1997 में, तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने आयकर की दरों में महत्वपूर्ण बदलाव किए थे। उन्होंने इस वर्ष, 5 लाख रुपये से ऊपर की आय पर 40% का कर लगाया था, जो उस समय का सबसे उच्चतम स्तर का टैक्स था।

उसके बाद 2009-10 में अधिभार का समावेश किया गया
वित्त ने वर्ष 2009-10 में, सरकार ने व्यक्तिगत आयकर पर अधिभार को समाप्त कर दिया था। हालांकि, इसके बाद 2010-11 में, 10 लाख रुपये से ऊपर की आय पर 10% का अधिभार लागू किया गया।

2014-15 फिर से नई कर व्यवस्था लागू की गई।

2014 में, नरेंद्र मोदी सरकार ने नई कर व्यवस्था पेश की. इस वर्ष, आयकर स्लैब में कुछ बदलाव किए गए थे. 2.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं था, लेकिन 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की आय पर 10% और 5 लाख से 10 लाख रुपये तक की आय पर 20% कर लगाया गया.

उसके बाद 2018-19: स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर

2018 में, सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर को बढ़ाकर 4% कर दिया. इसने उच्च आय वर्ग पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डाला. इसके अलावा, इस वर्ष से नए टैक्स स्लैब भी लागू हुए।

2020-21: कोविड-19 के प्रभाव

कोविड-19 महामारी के दौरान, सरकार ने राहत उपायों के तहत कुछ करों को स्थगित किया, लेकिन इसके बावजूद, उच्च आय वर्ग के लिए टैक्स दरें स्थिर रहीं.

2021-22: स्थिरता का प्रयास

इस वर्ष में भी सरकार ने टैक्स दरों को स्थिर रखा. हालांकि, कुछ विशेष प्रावधानों के तहत उच्च आय वर्ग के लिए टैक्स दरें बढ़ाई गईं.

अभी तक क्या रहा (2024-25)

इस समय न्यू टैक्स रिजीम में 3 लाख रुपये तक पर कोई टैक्स नहीं लगता. वहीं, 3 से 7 लाख तक की इनकम पर अभी 5 फीसदी टैक्स लगता है. वहीं, 7 से 10 लाख रुपये तक की इनकम पर 10 फीसदी टैक्स देना होता है. इस समय 10 से 12 लाख रुपये तक की इनकम पर 15 फीसदी टैक्स लगता है आज से उसमे भी बदलाव हो गया।

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