अब अपनी मंडी में अपनी फसल बेचेंगे मलिहाबाद के बागवान:कौशल किशोर

अब अपनी मंडी में अपनी फसल बेचेंगे मलिहाबाद के बागवान:कौशल किशोर

मलिहाबाद में विशिष्ट नवीन उपमंडी का शुभारंभ,बागवान बोले सच हुआ सपना

लखनऊ। मलिहाबाद फलपट्टी क्षेत्र के बागवानों का बरसों पुराना सपना सोमवार को सच हो गया। यहां के बागवान अब अपनी मंडी में अपनी फसल को बेचेंगे। क्योंकि बरसों पुराना उनका यह सपना है कि मलिहाबाद में फल मंडी हो। दरसल 1981 में मलिहाबाद,काकोरी,माल व बीकेटी के ग्रीन बेल्ट को तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने मैंगो बेल्ट घोषित किया था। तब मलिहाबाद को केंद्र मानकर यहां के किसानों बागवानों को अपनी फसल बेचने के लिए स्थायी मंडी के निर्माण की बात कही गयी थी। मगर समय बीतता चला गया और किसी ने इस तरफ ध्यान नही दिया। वर्ष 2002 में जब कौशल किशोर निर्दलीय विधायक चुने गए तो उन्होंने बागवानों की इस समस्या को गम्भीरता से लिया और तत्कालीन सपा सरकार से मंडी निर्माण कराने का अनुरोध किया। कौशल किशोर द्वारा सरकार को दिये गए प्रस्ताव पर वर्ष 2006 में मुहर लगी और यहां एशिया की सबसे बड़ी फल मंडी बनाने की स्वीकृति मिली। मगर इस दौरान सरकारें भी आती जाती रही तो काम मे तेजी नही दिखी। जब समय का पहिया घूमा और 2014 में कौशल किशोर सांसद बनकर दिल्ली पहुचे तथा पत्नी जय देवी कौशल 2017 में विधायक चुनी गयी। जिसके बाद भाजपा सरकार में मंडी निर्माण में तेजी देखने को मिली और अब 2025 के शुरुआती दिनों में पूर्ण रूप से मंडी बागवानों/किसानों के लिए खुल गयी। हरदोई रोड़ पर बनी एशिया की सबसे बड़ी वातानुकूलित फल मंडी का पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर ने फीताकाट कर शुभारंभ किया। उनके लिए भी यह बड़ी बात रही कि क्षेत्र में जिस मंडी को उन्होंने स्वीकृति कराया आज उसका उद्घाटन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस दौरान बागवानों,आढ़तियों,किसानों से बात करते हुये उन्होंने पुरानी यादें भी ताजा की उन्होंने कहा कि फलपट्टी घोषित होने के बाद यहां एक दौर ऐसा भी आया जब किसानों से बड़े पैमाने पर गुंडा टैक्स की वसूली की गई। तब यहां की अस्थायी आम मंडी में आम बेचने पर स्वघोषित दबंगो द्वारा बागवानों/किसानों से 50 पैसे पर पेटी (10किलो) के हिसाब से गुंडा टैक्स वसूला जाता था। उसे भी 2002 के बाद समाप्त कराया गया। मंडी का शुभारंभ डिप्टी डारेक्टर चंदन पटेल व सचिव रेनू वर्मा की उपस्थिति में हुआ। मंडी सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि मंडी में कुल 76 दुकानों का निर्माण हुआ है। जिसमें से 39 दुकानें कारोबारियों के हवाले की जा चुकी है। शेष 37 दुकानें भी पूरी तरह से तैयार है। इछुक कारोबारी दुकान लेने के लिए सम्पर्क कर सकते है।

कौशल किशोर ने मंडी में खरीदा बेल-पुदीना,तरबूज

विशिष्ट नवीन उपमंडी का उद्घाटन करने पहुचे कौशल किशोर ने वहां के आढ़तियों और किसानों से बात की। इस दौरान मंडी में पुदीना व बेल लेकर आये क्षेत्रीय किसानों से उन्होंने 40 रुपये के दो बेल और 10 रुपये की एक गड्डी पुदीना खरीदी। इसके अलावा गोपाल फ्रूट कम्पनी के आढ़ती जितेंद्र रावत से 80 रुपये में दो पीस तरबूज के खरीदे। मंडी में उपस्थित आढ़तियों ने पूर्व मंत्री का फूल मालाओं से स्वागत किया। मंत्री ने भी सभी आढ़तियों का आभार व्यक्त किया।

बागवान बोले अब आढत भी अपनी और फसल भी

मलिहाबाद चौराहे पर बरसों से लगने वाली अस्थायी आम मंडी में असुविधाओं का दंश झेल रहे बागवानों/आढ़तियों ने मंडी शुरू होते ही राहत की सांस ली है।

मनकौटी गांव के आढ़ती मीनू वर्मा ने कहा कि अभी तक न कोई सुविधा न कोई संसाधन फिर भी किसानों व बागवानों को अतिरिक्त शुल्क का बोझ झेलना पड़ता था।
यही नहीं बेवजह जाम के झाम में फंसकर किसान पुलिस की फटकार और दबंगों की दुत्कार भी झेलते थे। अब अपनी मंडी में ऐसा नही होगा।

पुरवा गांव के आढ़ती राम गोपाल बताया कि आज किसानों की खुशी का कोई ठिकाना नही है। हर किसी के मन मे एक ही बात थी कि अपनी मंडी कब होगी। जहां वह अपनी फसल अपने सामने अपने हिसाब से बेच सके।

हेमरापुर गांव के आम आढ़ती रिहान अहमद ने बताया कि इस मंडी के शुरू होने से देश की अन्य मंडियों में भी आम समय से पहुचेगा। जिससे बागवानों को उनकी फसल का वाजिब मूल्य मिलेगा और मुनाफा होगा।

मलिहाबाद के आम आढ़ती ब्रजराज किशोर गुप्ता ने बताया कि अभी तक कम जगह होने के कारण गाड़ियों की लोडिंग में समस्या होती थी। साथ ही ट्रैफिक जाम की समस्या भी होती थी। मगर मंडी शुरू होने से अब ऐसा नही होगा सब कुछ व्यवस्थित तरीके से चलेगा।

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