
क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा महापुरुष भी हुआ, जिसने पूरी ज़िंदगी किसी को दुख नहीं दिया, जिसने बिना किसी हथियार के अहिंसा को अपना सबसे बड़ा अस्त्र बना लिया? जी हां, हम बात कर रहे हैं भगवान महावीर की। और आज हम जानेंगे – क्यों मनाई जाती है महावीर जयंती, क्या होता है इस दिन खास, और क्या हैं उनकी वो शिक्षाएं जो आज भी हमें इंसानियत का सही रास्ता दिखाती हैं।”
महावीर जयंती, जैन धर्म के सबसे बड़े और पवित्र पर्वों में से एक है। इस दिन भगवान महावीर का जन्मदिवस मनाया जाता है, जो जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर माने जाते हैं। साल 2025 में महावीर जयंती 10 अप्रैल को मनाई जा रही है और इस साल उनकी 2623वीं जयंती है।

भगवान महावीर का जन्म 599 ईसा पूर्व में बिहार के कुंडग्राम (अब का कुंडलपुर) में हुआ था। उनके पिता का नाम था राजा सिद्धार्थ और माता थीं रानी त्रिशला। बचपन में उनका नाम रखा गया था वर्धमान, क्योंकि वे बहुत ही बलशाली और बुद्धिमान थे। लेकिन जैसे-जैसे वे बड़े हुए, उन्हें संसारिक सुखों से मोह कम होता गया।
30 साल की उम्र में उन्होंने सब कुछ त्याग दिया – राज-पाट, परिवार, ऐशो-आराम – और चल पड़े आत्मज्ञान की खोज में। 12 साल की कठिन तपस्या के बाद उन्हें ‘कैवल्य ज्ञान’ प्राप्त हुआ और वे बन गए ‘महावीर’।
अब बात करते हैं इस खास दिन की – यानी महावीर जयंती पर लोग क्या करते हैं।
📿 सुबह-सुबह भक्त उठकर पवित्र स्नान करते हैं।
🛁 भगवान महावीर की मूर्ति का अभिषेक किया जाता है।
🛕 जैन मंदिरों में विशेष पूजा और प्रवचन होते हैं।
🚩 एक भव्य रथ यात्रा भी निकाली जाती है, जिसमें भगवान महावीर की प्रतिमा को सजाकर पूरे नगर में घुमाया जाता है।
🍲 लोग इस दिन उपवास रखते हैं, सात्विक भोजन करते हैं (जिसमें लहसुन, प्याज जैसी चीजें नहीं होतीं)।
🤝 और सबसे खास बात – जरूरतमंदों को दान और सेवा करना इस दिन बहुत पुण्य का काम माना जाता है।
भगवान महावीर ने बहुत ही सरल लेकिन गहरे जीवन-सिद्धांत दिए। उनकी पाँच मुख्य शिक्षाएं आज भी लोगों को सही राह दिखाती हैं:
- अहिंसा – किसी भी जीव को नुकसान न पहुंचाना।
- सत्य – हमेशा सच बोलना, भले ही वो कड़वा हो।
- अस्तेय – जो तुम्हारा नहीं है, उसे न लेना।
- ब्रह्मचर्य – इंद्रियों पर संयम रखना।
- अपरिग्रह – ज्यादा संग्रह न करना, यानी जितना ज़रूरी है, उतना ही रखो।
इन सिद्धांतों से ना सिर्फ जैन धर्म को दिशा मिली, बल्कि पूरी मानवता को जीने का एक सुंदर रास्ता मिला।”
महावीर जयंती सिर्फ एक त्योहार नहीं है, ये एक मौका है उन महान विचारों को याद करने का, जो इंसान को जानवर से इंसान बनाते हैं। भगवान महावीर ने दिखाया कि बिना युद्ध, बिना गुस्से, बिना क्रोध के भी दुनिया बदली जा सकती है – बस जरूरत है अहिंसा, सत्य और संयम की।
तो आइए, इस महावीर जयंती पर हम सब मिलकर वचन लें – कि हम उनके दिखाए मार्ग पर चलेंगे और अपने जीवन को भी शांत, सरल और सच्चा बनाएंगे।…खबर अच्छी लगे तो हमे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं
