दो पैन कार्ड मामले में आजम खान और अब्दुल्ला को 7-7 साल की सजा, कोर्ट से सीधे जेल रवाना, पुलिस ने बरती सख्ती

रामपुर/लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति में कद्दावर समाजवादी पार्टी (सपा) नेता आजम खान और उनके बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम खान को एक बार फिर बड़ा कानूनी झटका लगा है। रामपुर की स्पेशल एमपी/एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सोमवार को दो पैन कार्ड घोटाले के मामले में दोनों को दोषी करार देते हुए 7-7 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई। फैसले के तुरंत बाद कोर्ट ने दोनों को हिरासत में ले लिया और जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी। रामपुर पुलिस ने अदालत परिसर में सख्त सुरक्षा व्यवस्था की तैनाती की, जिसमें भारी संख्या में फोर्स तैनात रही ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
कोर्ट की विशेष जज शोभित बंसल ने सुनवाई के दौरान भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (मूल्यवान दस्तावेज की जालसाजी), 468 (जालसाजी का दुरुपयोग), 471 (जाली दस्तावेज का उपयोग) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोनों को दोषी पाया। प्रत्येक को 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। कुल सजा की अवधि 7 साल ही रहेगी, क्योंकि विभिन्न धाराओं की सजाएं एक साथ चलेंगी।
यह मामला 2019 का है, जब रामपुर के भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने सिविल लाइंस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। सक्सेना ने आरोप लगाया था कि अब्दुल्ला आजम ने अपनी उम्र को लेकर चुनाव लड़ने की अयोग्यता छिपाने के लिए दो अलग-अलग जन्मतिथियों के आधार पर दो पैन कार्ड बनवाए थे। एक पैन कार्ड में उनकी जन्मतिथि 1 जनवरी 1993 दर्ज है, जो उनके शैक्षिक प्रमाणपत्रों से मेल खाती है, जबकि दूसरे में 30 सितंबर 1990 दिखाई गई है। इस दूसरे पैन कार्ड का इस्तेमाल बैंक खाते, आयकर रिटर्न और चुनावी प्रक्रियाओं में किया गया था। जांच में यह भी सामने आया कि आजम खान ने अपने बेटे के साथ मिलकर इस कूटरचना में हिस्सा लिया। पुलिस ने चार्जशीट दाखिल करने के बाद लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट यह फैसला सुनाया।
फैसले के बाद भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने इसे “न्याय की जीत” बताते हुए कहा, “यह सबूतों पर आधारित केस था। आजम खान पर दर्ज सारे मुकदमे इसी तरह पुख्ता हैं। जो गलत किया, उसकी सजा तो मिलेगी ही।” दूसरी ओर, सपा समर्थकों में हड़कंप मच गया है। आजम खान हाल ही में 23 सितंबर को सीतापुर जेल से रिहा हुए थे, जबकि अब्दुल्ला फरवरी 2025 में हरदोई जेल से बाहर आए थे। अब दोनों को फिर से जेल जाना पड़ेगा। अगर सजा 5 साल होती तो वे जमानत पर बाहर आ सकते थे, लेकिन 7 साल की सजा के कारण अपील दायर करने तक जेल में रहना होगा।
